- अजमेर की टाडा कोर्ट ने आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को 31 साल बाद बरी किया.
- 1993 में मुंबई, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और लखनऊ की ट्रेनों में एक के बाद एक धमाके हुए थे.
- अब्दुल करीम टुंडा, इरफान और हमीमुद्दीन पर बम धमाकों का आरोप लगा था.
- कोर्ट ने इरफान और हमीमुद्दीन को दोषी करार दिया है.
राजस्थान में अजमेर की टाडा कोर्ट ने अब्दुल करीम टुंडा (Abdul Karim Tunda) को 31 साल बाद बरी कर दिया है. कोर्ट ने अब्दुल को किसी भी मामले में दोषी नहीं पाया है. बता दें कि साल 1993 में मुंबई, लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद और सूरत की ट्रेनों में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे. मामले में अब्दुल करीम टुंडा, इरफान और हमीमुद्दीन पर संगीन आरोप लगे थे. सभी के खिलाफ टाडा एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था.
कोर्ट ने अब 31 साल बाद अब्दुल करीब टुंडा को बरी कर दिया है. वहीं, इरफान और हमीमुद्दीन को दोषी पाया गया है. कोर्ट ने इन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
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