देश भर के किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी और कृषि कर्ज माफी समेत अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं. ऐसे में लगातार किसानों और पुलिस प्रशासन के बीच झड़प की ख़बरें आ गईं हैं.
जींद की खनौरी सीमा पर किसान शुभकरण सिंह की मौत के विरोध में आज किसानों ने काला दिवस मनाने की घोषणा की है. इससे पहले देश की विपक्षी पार्टियों ने भी किसानों की मांगों को जायज ठहराते हुए उनका पूरी तरह समर्थन किया है. आज यानी शुक्रवार की सुबह कांग्रेस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स से एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि “एक वक्त था जब भारत के प्रधानमंत्री किसानों से मिलते थे.उनकी बात सुनते और उस हिसाब से काम करते थे. अब तो किसानों पर आंसू गैस के गोले बरसाए जाते हैं. उनपर गोलियां चलाई जाती हैं. और किसानों के शहीद होने पर प्रधानमंत्री कहते हैं कि मेरे लिए मरे क्या?”
बता दें कि खनौरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन में किसान की मौत पर संयुक्त किसान मोर्चा आज ‘ब्लैक फ्राइडे’ मना रहा है. इसे आक्रोश दिवस का नाम दिया गया है. इसके साथ ही किसानों ने कहा है कि 26 फरवरी को पूरे देश में ‘ट्रैक्टर प्रदर्शन’ किया जाएगा. इसमें हम सरकार से डब्ल्यूटीओ छोड़ने के लिए कहेंगे.
खनौरी पर एक और किसान की मौत
खनौरी बॉर्डर पर एक और किसान की मौत हो गई है. मृत किसान की पहचान दर्शन सिंह (62) के रूप में हुई है. वह पिछले 13 फरवरी से धरने पर बैठे थे. कुछ दिन पहले उन्होंने अपने बेटे की शादी की थी. परिवार पर 8 लाख का कर्ज है.