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नौकरी के चक्कर में रूस गए भारतीयों को मजबूरन लड़ना पड़ रहा युद्ध

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रूस (Russia) में फंसे भारतीयों को लेकर भारत सरकार का बड़ा बयान आया है. भारतीय मजदूरों को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हम इससे अवगत हैं कि कुछ भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना में हेल्पर के काम के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है. उनकी शीघ्र रिहाई के लिए भारतीय दूतावास संबंधित रूसी अधिकारी से लगातार संपर्क में है.

हेल्पर्स के तौर रूस गए थे भारतीय

गौरतलब है कि हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें इस बात का जिक्र था कि कुछ भारतीयों को ‘हेल्पर्स’ के तौर पर काम करने के लिए हायर किया था, अब वो यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए मजबूर हैं. इनमें से ज्यादातर लोग उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब और जम्मू कश्मीर के रहने वाले हैं.

असदुद्दीन ओवैसी ने उठाया था मुद्दा

इसके अलावा हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास को पत्र लिखकर रूस में फंसे तीन भारतीय नागरिकों को वापस लाने में मदद की अपील की थी. ओवैसी ने अपने पत्र में लिखा था कि तीन भारतीय नागरिकों से पिछले 25 दिनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है, जिससे उनके परिवार वाले चिंतित हैं.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि हम जानते हैं कि कुछ भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना के साथ हेल्पर के लिए साइन अप किया है. भारतीय दूतावास ने नियमित रूप से उनकी वापसी के लिए संबंधित रूसी अधिकारियों के साथ इस मामले को उठाया है. हम आग्रह करते हैं सभी भारतीय नागरिकों को उचित सावधानी बरतनी चाहिए और इस युद्ध से दूर रहना चाहिए.

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